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छठ पूजा में तीसरे दिन को सबसे प्रमुख माना जाता है. इस मौके पर शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है और बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है.
कोर्ट ने ऐसा करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था, लेकिन प्रशासन ने आदेश आने के चंद घंटों के बाद ही देर रात में पूजा शुरू करा दी.
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प्रशासन ने धार्मिक कार्यों के कुछ जानकारों से भी इस बात की सलाह ली कि अगर कोई जगह काफी दिनों तक बंद रहती हैं तो वहां पूजा करने के लिए क्या विधान होता है.
सिर्फ प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट के लोग थे मौजूद
प्रशासन को अपनी कार्रवाई करने के लिए पहले परिसर को खाली करवाना था और उस में भी कुछ समय लगा.
साथ ही इस दिन शिव जी की पूजा भी की more info जाती है. आइए जानते हैं इस साल किस तारीख को है नहाय खाय और खरना.
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क्योंकि तहखाना बंद था तो उसमें सीलन की समस्या भी थी.
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।
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वाराणसी प्रशासन का कहना है कि जब तहख़ाने में प्रवेश किया गया और पूजा कराई गई तब वहां सोमनाथ व्यास के परिवार और इस मुकदमे का कोई भी याचिकाकर्ता मौजूद नहीं था.
इस त्योहार को सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में मनाया जाता है. साथ ही इसे नेपाल में भी मनाया जाता है.